तुमसे ही हर ख़ुशी है,तुमसे ही सारे हैं ग़म सब दर्द भी तुम्हीं से,तुम ही हर दर्द पर हो मरहम ये ज़िदगी है तुम्हारी,तुम हो ज़िदंगी की सरगम मैं भटका हुआ हूं दरिया,तुम ही हो मेरा संगम कैसी है ये मोहब्बत,कैसी है ये उलझन मैं धड़क रहा हूं तुझमें,तुम हो मेरे दिल की धड़कन तेरी रूह में उतरकर,मिला है एक समुंदर जीता हूं मैं ख़ुद में बेशक,पर जिंदा हूं तेरे अंदर अधरों से मेरे लगकर,बाँसुरी बन गई हो मंज़िलें तो बहुत हैं,तुम आख़िरी बन गई हो तेरे इश्क की तलब भी,रहती है मुझे हरदम मैं प्यासा सा एक मुसाफ़िर,तुम सुबह की पहली शबनम... ©abhishek trehan #करवाचौथ #karwachauth #soulmate #merachand #love #yqdidi #yqbaba #manawoawaratha