जिस प्रकार अन्धकार पूर्ण रात्रि जो गहरा सन्नाटा लेकर रहती है समस्त वातावरण शांत हो जाता है सभी प्राणी थम से जाते है घोर निराशाओं से चिंतित लोग भी न जाने कब काली रात्रि के आगोश में सो जाते है तब इस अंधकार पुर सन्नाटे को चीरते हुए नई उमंग नई ऊर्जा के साथ सुबह होती है जो निराशा में भी आस जगाते हुए कहती है उठो ओर आगे बढ़ो जिस प्रकार अंधकार से पूर्ण रात्रि समय के साथ बीत गई वैसे ही तुम्हारा भी यह गलत समय बीत जाएगा और अच्छा समय तुम्हारी राह देख रहा है परंतु उसके लिए तुम्हे अपने पथ पर पहले से ज्यादा ऊर्जा के साथ चलते रहना होगा। नई सुबह हम सब को पुनः नई ऊर्जा के साथ अपने लक्ष्यपथ पर आगे बढ़ने की शिक्षा देती है। #motivetniol #inspiration