बदलेगा वक्त बदलेंगे मौसम रस्ते बदल जाएंगे किसे पता है कल का दोस्त, ये भी हो सकता है हम बिछड़ जाएंगे जाने कहां ले जाएगी ज़िंदगी हमको जाने हम किधर जाएंगे ये जो उम्रों के वादे है निभाने के मानने के शायद कल को टूट कर बिखर जाएंगे फ़िर भी मिलने की आस होगी वक्त के पन्ने पलटेंगे कभी जब, फ़ुर्सत मे बीते लम्हों में जाया करेंगे हम आयेंगे ख्वाबों ख्यालों में मिलने रिश्ता कुछ यूं निभाया करेंगे ©Nikhil Kumar #yun_hi