शीर्षक - परवाज़ सड़कों पर निकलते ही मैंने ख़ुदा की ताबीर देखी है ख़्वाहिशें हम जैसी पर उसे समाज से जूझते देखा है हर वक़्त अपने हालात से समाज के तानों से मैंने उसे पल-पल कोसते देखा है सपने हम जैसे ही पर उसे पूरा करने की ज़िद करते देखा है हर शहर हर गाँव की वादियों और पगडंडियों से मैंने उसे चलते देखा है परवाज़ हम जैसे ही पर उसे उड़ान में हँसते देखा है। #Wish #Nojoto #lockdown2 #task10.10 #दिव्यांगकविता Arushi #१९अप्रैल२०२० #प्रयागराज