कोरा कागज के मंच पर जब लिखी रचना, अपनी रचना देखकर मन हो रहा शादमाँ, कोई कोई लिख रहा कर के चोरी किसी का, बन यूँ रहे जैसे अंधो में हो काना राजा। जो वाकई में सोच का धनी है, वो इतराए ना, बहस में क्या रखा हैं, वो मसाफ़त बनाएगा, कई उम्दा दोस्त मेरे प्रिय रचना को पढ़ कर, खुमार छा जाए सजदा में सर झुक जाएगा। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_171 👉 अन्धों में काना राजा लोकोक्ति का अर्थ --- मूर्खों में कुछ पढ़ा-लिखा व्यक्ति। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।