जो दफ़न है किसी, अधमरे पेड़ की कोख में मै बवारी ढूंढ़ रही हूँ मसाने की राख में दबी बची कुची कविता! कदाचित मेरे भाग्य के किसी कोने में अभी भी शेष हो विधाता द्वारा रचित एक भावहीन छंद! मेरा अंतस विछिप्त सा ढूंढ़ रहा है हृदय की अनंतिम ध्वनियों में शेष एक अंतिम कविता! ©Neha singh #Flower #aslineha #neha #nehasingh #hindi_poetry #Hindi #first_quote #hindi_quotes #Ishvar #god