किस्मत से है जिसका अनुबंध उसकी जीत सरल है कठिन डगर पर जो चलता उसकी जीत विरल है श्रम साध कर देखो जीवन में जीत आज नहीं तो कल है माटी की इस देह को कर पाषाण माना कि मन तेरा अब भी कोमल है प्रस्तर को भी काट जो देता सतत झरने का वह बहता जल है श्रम साध कर देखो जीवन में जीत आज नहीं तो कल है || @स्मृति.... मोनिका ✍️ ©स्मृति.... Monika #Drops #श्रम और जीत