................... ©Prashant Shakun "कातिब" ..... "भोर" भी वही है वही "संध्या" में समाई है "गंगा" सी लड़कियाँ पवित्र करने संसार को "धरा" पर आई हैं मैंने देखा एक लड़की की शक्ति को