World Book Day हताश और निराश जब भी खुद को पाया मैने इन किताबों के संग मन बहलाया मैंने। सच कहती हूँ इस दिखावे की दुनिया से भी ज्यादा खुद को महफूज समझा मैंने। दावे से कह सकती हूँ , इनकी संगत से अज्ञानता के बादल "कुम्मी " छटते हुए देखे मैंने। #world_book_day #LuxmiRawatkummi