Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैंने बहुत सोचा, समझा लोगों को देखा और परखा तो पता

मैंने बहुत सोचा, समझा लोगों को देखा और परखा
तो पता चला की
आज के अधिकतर लोग कुछ इस प्रकार के है कि यदि हम दूसरों की भले ही 99 बार सहायता कर दे लेकिन यदि सौबी बार मदद ना कर पाएं तो दूसरा इंसान हमको गलत और मतलबी ही बताएगा 
दूसरों को हमारे 99वे बार की, की हुई सहायता नजर नही आएगी बल्कि उनको तो हमारे केवल एक बार ना करने की कमी ही नजर आएंगी

©"pradyuman awasthi"
  #कमी