हुजूर यहां अब गुजारा नहीं, आशियाने में चांद सितारा नहीं! सूरज भी अकेला जलता रहा, उनका भी तो कोई सहारा नहीं! हुजूर यहां अब गुजारा नहीं, आशियाने में..... देखे हैं जो ख्वाबे हमने सदा, अब ऐसा यहां कुछ नजारा नहीं! हर दिल अकेला मचलता रहा, बादलों की तरह तो आवारा नहीं! हुजूर यहां अब..... जुगनू टीमक कर थक सी गई, फिजाओं ने उनको संवारा नहीं ! झूठे हो रहे हैं वादे यहां, मुझे ऐसी लहजा गवारा नहीं! हुजूर यहां अब........ बन रहे हैं सियासत रोज नया, खुदा का तो कोई दीवाना नही! हुजूर यहां अब गुजारा नहीं, आशियाने में चांद सितारा नहीं! ©writer Ramu kumar #writerRamukumar #nojohindi #gajal #Nojoto #Hope