ख़ूबसूरत फूलो के बीच महकती रहेगी शाम जब कान्हा लेंगे रूप लड्डू गोपाल कल की रात सजेगी मेरी भी चुनरी जब करेगा तू श्रृंगार गोपियां भी देख झूमेगी पहन कर घुंगरू की झंकार।। Made by me