तुम्हारे बिन हम जिन पाएंगे लोट कर आजा ओ हम रह न पाएंगे मुकदर में लिखा हैं आप का साथ फिर हम कैसे भूल पाएंगे ज़माना हों गये आप की सूरत देखे अब भी दीदार न हूँआ तो हम खुदा से भी लड़ जाएंगे आने की खर का इंतज़ार हैं वरना ये जिशम जान छोड़ जाएगे लबों की बात लबो पे रह जायगी ज़माना ये किस्सा आम सुना जायेंगे ©yogitaupadhyay45gmailcom #हम मर जायेंगे