कितना अच्छा होता अगर मैं तुझसे मिला ना होता ना होती तुझसे मोहब्बत ना तुझसे कोई गिला होता ना आता तेरी गलियों मे ना तेरा घर से निकलना बंद होता कितना अच्छा होता अगर मै, तुझसे मिला ना होता कितनी हसीन लगती थी , तेरे चेहरे कि मुस्कान इशारो -इशारो मे बाते कर लेते थे बनकर नादान कितना अच्छा होता जो तुम कर देते इंकार इसी बहाने रोज तुम से करते मुलाकात कितना अच्छा होता अगर मै तुझसे मिला ना होता ना रोती तु ;ना मै तेरी यादों मे रोता तुमको आज़ादी का संसार तो मिल गया होता घर कि चार दिवारी का केद तो ना नसीब होता कितना अच्छा होता अगर मै तुझसे मिला ना होता ©Kavi VijAy KatiyA कितना अच्छा होता, #AdhureVakya #Love #Poetry #Hindi #urdishayari