मेरी आँखों में समाया वो है तो है, बन के आंसू पलकों पे आया वो है तो है | कितनी दफा क़त्ल करु खुद के दिल को मैं, दिल ने उसे ही अपना बनाया है तो है। कोशीश तो बहुत की है उसे भूल जाने की, वो रग रग में समाया है तो है | सिर्फ उसी से मिलती है तसल्ली दिल को, दिल ने उसे अपना दवा बनाया है तो है। ओ भी है इन्सां मैं भी हु इन्सां, खुदा ने हम दोनों को आजमाया है तो है। खुदा आबाद रखे हमेसा उसके गुलिश्तां को, मेरे मुक़द्दर में सहरा आया है तो है। ना कोई गिला है ना कोई सिकवा है ना कोई उम्मीद है उस से, वो अपना अलग जहाँ बनाया है तो है।।। hai to hai....