मत सोच तू कमज़ोर है
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो तू चल अकेला,
चल अकेला, चल अकेला, चल तू अकेला!
प्रथम दो पंक्तियांँ 2 पंक्तियां "रविंद्र नाथ टैगोर" जी की कविता "चल तू अकेला" कविता से ली गई है।
खम ठोंक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़ #Motivational#Hindi#nojotohindi#nojotohindipoetry#प्रेरक