पहचान अपनी गलतियों को, स्वीकार कर अपनी त्रुटियों को पलट आ ओ मुसाफिर माँग ले क्षमा तू हो जा ग्लानि से मुक्त पलट जाना भी होता है मुसाफ़िर को हमेशा रास्ता मंज़िल पे ले ही जाए ज़रूरी तो नहीं होता। #पलटआ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi