तुम्हारी बहुत याद आती है समय समय पर सताती है क्यों चली गई घाव देकर बहुत दुख है तुम्हे खोकर ऐसा क्यों लगता कि तुम आती हो अपनी आहत को सुना कर चली जाती हो वो तुम्हारा आना जाना मेरे अंदर ही अंदर घुटना तुम्हे अच्छा लगता है ? तुम चली गई उस जगह पर जहां से कोई आता नही लौटकर मैं सोचता हूं हटा दूँ तेरी याद पहले तुम जाओ तो मुझे छोड़कर तुम मुझे क्यों नही समझती हो अपनो की यादें ,सपनो की बाते किसे अच्छा नही लगता यादें कड़वी भी है सहन कर लेता हूँ अब गुजारिश है तुमसे ऐसे ना यादों में आया करो ऐसे ना सपनो में रुलाया करो सहन नही कर पाता हूं अंदर ही अंदर टूट सा जाता हूँ अंदर ही अंदर टूट सा जाता हूँ #yqdidi#dedicated#sister#ydbaba #अपने #कड़वी_सच्चाई #बैचैनी