आज दोस्ती, कल इश्क़, फिर नफ़रत, भी करोगे तुम, साथ हूँ सदा कहने के बाद फिर हाथ भी छोड़ोगे तुम। क्या करोगे तुम इन यादों, ख़तों को यूँ संभालकर रख, चाहूँ तुम्हें, इज़हार के बाद फिर चाहत भी भूलोगे तुम। कड़वी हैं मेरी बातें, सुनोगे कैसे तुम इन्हें फिर ता-उम्र, जानते हैं तुम्हें के बाद, फिर खिलाफ़त भी करोगे तुम। मेरे यह लफ़्ज़ तो लगते ही हैं ना, जी का जंजाल तुम्हें, मेरे 'नाम' के बाद, औरों को फिर ख़त भी भेजोगे तुम। समझने का दावा करने वाले, कभी समझते नहीं 'धुन', जहाँ कहने के बाद,जहाँ से फिर अलग भी रखोगे तुम। Rest Zone आज का शब्द- 'लफ़्ज़' #rzmph #rzmph44 #rzhindi #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #poetry #लफ़्ज़