#ए जिंदगी# #युवा कवि - आदित्य स्वरूप# माना कि मुझे कोई पसंद नहीं करता। लेकिन नफरत भी तो कोई नहीं करता।। नाराजगी किसी बात से तो नहीं। खुशी भी तो याद तो नहीं।। खामोशी है, दुआएं मेरी। तन्हाई सी है, जिंदगी मेरी।। दिल से एक बात निकलती है। खामोश लब्ज हो जाता है।। कर न सितम तू ए जिंदगी। लो आ गया तेरे दर पर मैं।। बदल दे तू मेरी किस्मत, ए जिंदगी। राहे बहोत खामोश सी हैं, ए जिंदगी।। Thinking About Life#firstquote