तुम्हारी मर्जी थी बिछड़ना ,मगर मैंने अपनी किस्मत माना , फासले क्या होते हैं ,ये तेरे फैसले के बाद जाना मैं इसलिए भी दुआ नहीं करता तेरे लौट आने की, जानता हूँ शुकून नही देता , छीन कर किसी को पाना जिससे गले मिलता था जब भी कभी मिलता था आज मुस्किल हो रहा है Aksh उससे हाथ मिलाना यूं तो बंद कर दिया है मैने तेरे चौखट के तरफ से गुजरना मगर कब खत्म होगा तेरा मेरा ख्याबों में आना जाना हाल पूछकर अक्सर हंसते हैं हाल पूछने वाले दर्द घुट कर सह लेना मगर जमाने में शोर न मचाना मुझे गमों में छोड़कर जो गये थे कुछ दिन पहिले आज कल भूल सा गए हैं मुस्कुराना हवाओं ने रुख क्या बदला डोर हाथों से फिसल गई , उस दिन मालूम पड़ा , आसान नहीं छत पर पतंगे उड़ाना डोर छूट गई हाथ से तो मालूम पड़ा इतना आसान भी नहीं छत पर पतंग उड़ाना ।। #yourquotebaba #minequote #aksh #thought #nature #indeed_the_truth #yourquotedidi