रिवाज़ों की ये दुनिया है बड़ी जालिम, मुझे ना कोई 'मंटों', अब नज़र आया। जो शहादत हसन मंटो को जानते हैं, उन्हें कुछ भी बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कल उन पर बनी फिल्म देख रहा था तो ये ख़्याल आया और उन्हें समर्पित कर दिया। हो सके तो जुड़ के देखिएगा। इकराश़