पेट धीरे धीरे चलता फिरता दवाखाना हो गया है पहला मर्ज ठीक नहीं दूसरे का बहाना हो गया है जान प्यारी है सबको खूब सब परहेज किए हैं चंगे होने की आरजू में सबका खाली खजाना हो गया है ©Ram Prakash #diary नमस्कार नमस्कार