जानाँ.... ज़िक्र तुम्हारा! सुनो जानाँ.....! मैंने कभी किसी से तुम्हारी तारीफ नहीं की, अरे... यहां तक की मैंने किसी से जिक्र तक नहीं किया तुम्हारा.... न ही अपने करीबी