White इल्जाम हे शहर की आबो हवा बिगाड़ दी हमने मोहब्बत उनसे की ओर फिर नफ़रत बेशुमार की हमने इल्जाम हे शहर की आबो हवा बिगाड़ दी हमने ना मुझे तुझसे हे प्यार ना तुझे मुझ ही से मोहब्बत हुई ये भी एक उम्र थी सो क्या था बस गुजार दी हमने बस गुजार दी हमने तमन्नाओं के शहर सदा वीरान ही रहे ये सोच के तिरी फुरकत उतार दी हमने तिरी फुरकत उतार दी हमने इल्जाम हे शहर की आबो हवा बिगाड़ दी हमने मोहब्बत उनसे की ओर फिर नफ़रत बेशुमार की हमने ©सुकुन #sad_quotes poetry in hindi poetry on love