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हाथों में पूजा की थाली, गरल जुबां पर घाला है। आस्त

हाथों में पूजा की थाली,
गरल जुबां पर घाला है।
आस्तीन में जाने हमने,
किन सांपों को पाला है।
नौ रूपों में माताओं-सा
मान उन्हें सम्मान दिया 
जिसने अपने आलेखों में,
राम पतित कर डाला है।

©Neeraj
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