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अब तो सारे दिये निंद¹ गये शहर में लोगों

अब तो सारे दिये निंद¹ गये शहर में   
        लोगों की सुकून नींद के साथ

एक तेरी गली में, एक मेरी गली में रोशनी 
                        क्यूँ आ जा रही हैं 
तेरी मेरी साँसो के साथ

रात हुई जुगनू चमकने लेगे तारो के साथ
तेरी मेरी रूह भटकने लगी हजारो² के साथ

हाथ फैलाये हम ने, फिर टकरा गये एहसास
                              मेरे एहसासो के साथ

यूं लगा कोई टकरा गया मेरी बांहो के पास

1 बुझना 2 आशिको के लिए mere yaade #sanjaychampapur #मेरीडायकीकेकुछपन्ने #apanakalamasanjay #yq
अब तो सारे दिये निंद¹ गये शहर में   
        लोगों की सुकून नींद के साथ

एक तेरी गली में, एक मेरी गली में रोशनी 
                        क्यूँ आ जा रही हैं 
तेरी मेरी साँसो के साथ

रात हुई जुगनू चमकने लेगे तारो के साथ
तेरी मेरी रूह भटकने लगी हजारो² के साथ

हाथ फैलाये हम ने, फिर टकरा गये एहसास
                              मेरे एहसासो के साथ

यूं लगा कोई टकरा गया मेरी बांहो के पास

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