जीते जी ज़मीन पर, मैं ज़न्नत का सार ढूंढता रहा, इंसान दर इंसान मैं माँ जैसा प्यार ढूंढता रहा, बहुत शोहरत इकट्ठी की, हासिल हर मुक़ाम किये, पर हर पल मैं घर जैसा चैन-ओ-क़रार ढूंढता रहा, सभी ने मुझको अपने अपने तरीकों से मोहब्बत की, मैं बचपने में मिला वो अपना दुलार ढूंढता रहा, मेरा हर बाख़बर था, मेरे लिए हर पल एक मिसाल, मैं हक़ीक़त को हर बार आईने के उस पार ढूंढता रहा, हर खास-ए-आम से मुझे मायूसी ही मिली बेअदब, इंसान दर इंसान मैं माँ जैसा प्यार ढूंढता रहा। मैं माँ जैसा प्यार ढूंढता रहा... #बेअदब #beadab #maa_jaisa_pyar #nojoto_family #hindi #हिंदी