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कुछ खास नहीं मेरी ख्वाहिश, बस तुझ संग चलना चाहती ह

कुछ खास नहीं मेरी ख्वाहिश, बस तुझ संग चलना चाहती हूँ।
बनकर तितली इस नीलगगन में, तेरे संग संग उड़ना चाहती हूँ। ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :) 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की। 

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
कुछ खास नहीं मेरी ख्वाहिश, बस तुझ संग चलना चाहती हूँ।
बनकर तितली इस नीलगगन में, तेरे संग संग उड़ना चाहती हूँ। ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :) 

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