कुछ इस तरह अधेंर, तन्हाइयों का कोना चाहता हूँ, निशां भी मिलने ना पाए, कुछ ऐसा होना चाहता हूँ। अहसान फरामोशों की दुनिया है ये, हमारा यहाॅं कोई काम नहीं, बस रेत पर गिरी एक, बूंद सा मैं वज़ूद खोना चाहता हूँ। ©Arc Kay #shaayavita #Lapataa #nishaan #ehsaanfaramosh