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पर्वत से सीखो गर्व से शीश उठाना, सागर से सीखो जी भ

पर्वत से सीखो गर्व से शीश उठाना,
सागर से सीखो जी भरकर लहराना,
प्रकृति नहीं सिखाती किसी को ठुकराना,
इसे बस आता है सबको अपनाना।
सुहाना मौसम, हवा का तराना,
खुशरंग है प्रकृति का हर नजारा।
हवा की सरसराहट,
चिड़िया की चचहाहट,
समुद्र का शोर,
जंगलों में नाचते मोर,
इनका नहीं कोई मोल,
क्योंकि प्रकृति है अनमोल।

©NATURAL LOVER
  save nature save earth
comedyan6516

broken heart

Bronze Star
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save nature save earth #Shayari

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