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......... बेहतरीन अभिनय , दमदार स्क्रिप्ट के साथ द

......... बेहतरीन अभिनय , दमदार स्क्रिप्ट के साथ दर्शकों के समक्ष परोसी गई कन्नड़ सिनेमा की फिल्म kantara
लाजवाब है । अभिनेता ऋषभ शेट्टी का शिवा रूप में अभिनय काबिल ए तारीफ है। ईश्वरीय रूप के मानव का दृश्य रौंगटे खड़े कर देने सा है।
सहज,सरल ,बेहद सुंदर सा मासूम प्रेम,कोई फूहड़ दृश्य नही, सभी दृश्य जैसे मन को मोहित कर लेने से है।। सिनेमा समय गोद में रखे पॉपकॉर्न आप चबाले इतना बोध ही न हो पाएगा क्योंकि फिल्म एक मिनट भी दर्शक को अकेला नहीं छोड़ती है।।। हास्य,नाटक,संवेदनाएं, धर्म, रिवाजों का सुंदर मेल किया गया है।
प्राचीन इतिहास और भारतीय सनातन संस्कृति पर आधारित यह फिल्म देखने योग्य है। बॉलीवुड के भांड अभिनेताओं के मुंह पर तमाचा मारती यह फिल्म संस्कृति की जड़ों से बोध करवाती है। फिल्म देख कर आप जान पाओगे की गांवों _ शहरो में क्यों प्रकृति पूजा की जाती है। क्यों प्रथाएं जीवन्त है जीवों को पानी पिलाने की,  वृक्षों की पूजा करने की, मातृभूमि और मातृ भाषा पर आधारित रिवाजों को मन में संजोए रखने की।
वृक्ष, पशु, पक्षी एवं देवता कितने जरूरी है मानव जीवन के लिए,इन सब का आत्मसात ज्ञान जरूर हो जायेगा। 
आज का cool शिक्षित युवा वर्ग जो धर्म के रिवाज स्वीकार करने को uncool मानता है उनके लिए यह सिनेमा आत्मिक प्रबोधन है।
यह सिनेमा पक्षधर है उस सत्य सनातन समाज का , 
जिसके नियम और रिवाज आज भी भारतीय मनोवृति के अंदर समाएं है। जरूर देखिए,बेहतरीन सिनेमा है 💐
......... बेहतरीन अभिनय , दमदार स्क्रिप्ट के साथ दर्शकों के समक्ष परोसी गई कन्नड़ सिनेमा की फिल्म kantara
लाजवाब है । अभिनेता ऋषभ शेट्टी का शिवा रूप में अभिनय काबिल ए तारीफ है। ईश्वरीय रूप के मानव का दृश्य रौंगटे खड़े कर देने सा है।
सहज,सरल ,बेहद सुंदर सा मासूम प्रेम,कोई फूहड़ दृश्य नही, सभी दृश्य जैसे मन को मोहित कर लेने से है।। सिनेमा समय गोद में रखे पॉपकॉर्न आप चबाले इतना बोध ही न हो पाएगा क्योंकि फिल्म एक मिनट भी दर्शक को अकेला नहीं छोड़ती है।।। हास्य,नाटक,संवेदनाएं, धर्म, रिवाजों का सुंदर मेल किया गया है।
प्राचीन इतिहास और भारतीय सनातन संस्कृति पर आधारित यह फिल्म देखने योग्य है। बॉलीवुड के भांड अभिनेताओं के मुंह पर तमाचा मारती यह फिल्म संस्कृति की जड़ों से बोध करवाती है। फिल्म देख कर आप जान पाओगे की गांवों _ शहरो में क्यों प्रकृति पूजा की जाती है। क्यों प्रथाएं जीवन्त है जीवों को पानी पिलाने की,  वृक्षों की पूजा करने की, मातृभूमि और मातृ भाषा पर आधारित रिवाजों को मन में संजोए रखने की।
वृक्ष, पशु, पक्षी एवं देवता कितने जरूरी है मानव जीवन के लिए,इन सब का आत्मसात ज्ञान जरूर हो जायेगा। 
आज का cool शिक्षित युवा वर्ग जो धर्म के रिवाज स्वीकार करने को uncool मानता है उनके लिए यह सिनेमा आत्मिक प्रबोधन है।
यह सिनेमा पक्षधर है उस सत्य सनातन समाज का , 
जिसके नियम और रिवाज आज भी भारतीय मनोवृति के अंदर समाएं है। जरूर देखिए,बेहतरीन सिनेमा है 💐

बेहतरीन अभिनय , दमदार स्क्रिप्ट के साथ दर्शकों के समक्ष परोसी गई कन्नड़ सिनेमा की फिल्म kantara लाजवाब है । अभिनेता ऋषभ शेट्टी का शिवा रूप में अभिनय काबिल ए तारीफ है। ईश्वरीय रूप के मानव का दृश्य रौंगटे खड़े कर देने सा है। सहज,सरल ,बेहद सुंदर सा मासूम प्रेम,कोई फूहड़ दृश्य नही, सभी दृश्य जैसे मन को मोहित कर लेने से है।। सिनेमा समय गोद में रखे पॉपकॉर्न आप चबाले इतना बोध ही न हो पाएगा क्योंकि फिल्म एक मिनट भी दर्शक को अकेला नहीं छोड़ती है।।। हास्य,नाटक,संवेदनाएं, धर्म, रिवाजों का सुंदर मेल किया गया है। प्राचीन इतिहास और भारतीय सनातन संस्कृति पर आधारित यह फिल्म देखने योग्य है। बॉलीवुड के भांड अभिनेताओं के मुंह पर तमाचा मारती यह फिल्म संस्कृति की जड़ों से बोध करवाती है। फिल्म देख कर आप जान पाओगे की गांवों _ शहरो में क्यों प्रकृति पूजा की जाती है। क्यों प्रथाएं जीवन्त है जीवों को पानी पिलाने की, वृक्षों की पूजा करने की, मातृभूमि और मातृ भाषा पर आधारित रिवाजों को मन में संजोए रखने की। वृक्ष, पशु, पक्षी एवं देवता कितने जरूरी है मानव जीवन के लिए,इन सब का आत्मसात ज्ञान जरूर हो जायेगा। आज का cool शिक्षित युवा वर्ग जो धर्म के रिवाज स्वीकार करने को uncool मानता है उनके लिए यह सिनेमा आत्मिक प्रबोधन है। यह सिनेमा पक्षधर है उस सत्य सनातन समाज का , जिसके नियम और रिवाज आज भी भारतीय मनोवृति के अंदर समाएं है। जरूर देखिए,बेहतरीन सिनेमा है 💐