मेरे प्यारे दोस्त एक बचपन का जमाना था, जिस में खुशियों का खजाना था.. चाहत चाँद को पाने की थी, पर दिल तितली का दिवाना था.. खबर ना थी कुछ सुबह की, ना शाम का ठिकाना था.. थक कर आना स्कूल से, पर खेलने भी जाना था... माँ की कहानी थी, परीयों का फसाना था.. बारिश में कागज की नाव थी, हर मौसम सुहाना था...!!"" #mydearfriend