Milta nahi hai aaj insaan khud se hi kahin Qurbat ke liye bhi to zindagi mein fursat honi chahiye क़ुर्बतें होते हुए भी फ़ासिलों में क़ैद हैं कितनी आज़ादी से हम अपनी हदों में क़ैद हैं सलीम क़ौसर दोस्तो आज का लफ़्ज़ है। क़ुर्बत, क़ुर्बतें, क़रीब जिसका अर्थ नज़दीकी होता है। इन अल्फ़ाज़ के इस्तेमाल से कोई शेर या नज़्म लिखें।