हो गयी मोहब्बत तो रुशवाई से क्या डरना, जा छोड़ दिया हरजाई तन्हाई से क्या डरना। वो और लोग होंगे जिन्हें सताती होंगी यादें, हम ठहरे परिंदे, और ऊंचाई से क्या डरना।