जल (एक संस्मरण) 👇👇👇👇 #WorldWaterDay #nojoto कुछ भुली-बिसरी बातें ****************** उस चिलचिलाती धूप में इधर-उधर भटक रहा था मैं - बस कुछ बूँद पानी के लिए ! कुछ पल के बाद एक चापाकल नजर आया , बड़ी खुशी से चापाकल की ओर लपका ; लेकिन... 'आज पिलाने वाला चापाकल खुद ही प्यास से तप रहा था ! * कुछ समझ नहीं आ रहा था ! 'जीवन का मोल पानी बयाँ कर रहा था और पानी की अहमियत आज जिन्दगी खुद समझा रही थी । कुछ देर के बाद एक सत्तू वाले की दुकान सामने दिखा , किया चाहिए ? सत्तूवाले का प्रश्न । मैं - भैया, जिन्दगी मिलेगी ! वहाँ बैठे सभी व्यक्ति ठहाके के साथ हँस पड़े थे ; तब मैं होश में आया और सत्तूवाले से -भैया पानी मिलेगी ,बहुत जोड़ों की प्यास लगी है ! पानी पीने के बाद वहीं बैठ गया...