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चलो माना हुई गलती मुझे अब माफ़ भी कर दो फासला दरमिय

चलो माना हुई गलती मुझे अब माफ़ भी कर दो
फासला दरमियाँ आये नहीं ये साफ भी कर दो
मुझे शक था , मग़र फिर से भरोसा हो गया तुमपे
मैं तुमसे इश्क़ करती हूँ मेरा इंसाफ भी कर दो

--प्रशान्त मिश्रा रूठना,मनाना शायरी
चलो माना हुई गलती मुझे अब माफ़ भी कर दो
फासला दरमियाँ आये नहीं ये साफ भी कर दो
मुझे शक था , मग़र फिर से भरोसा हो गया तुमपे
मैं तुमसे इश्क़ करती हूँ मेरा इंसाफ भी कर दो

--प्रशान्त मिश्रा रूठना,मनाना शायरी

रूठना,मनाना शायरी