सुना है वो हमको भुलाने लगे हैं जिनको पाने में हमको ज़माने लगे हैं वो उलझी सी बातें,वो धुंधले से चेहरे सपनों में फिर से आने-जाने लगे हैं पकड़कर उंगली जिन्हें चलना सिखाया वो रिश्ते ही हमें आज़माने लगे हैं छोड़ आए थे जिन्हें हम मंजिल के खातिर, वो रास्ते फिर से बुलाने लगे हैं थक गए थे हम बातों में मिलावट से लेकिन वो फिर से हमें मनाने लगे हैं, पास से न सही, दूर से ही सही वो हमें देखकर मुस्कुराने लगे हैं क्या बात है, क्यों बदली सी फिज़ा है वो नज़रों से नज़रें मिलाने लगे हैं जो देखते न थे नीचे कभी वो सजदे पे सर झुकाने लगे हैं.. ©Abhishek Trehan #सुना_है #वो #हमें #भुलाने_लगे_हैं #manawoawaratha #poetry #shyari #therealdestination.com