मन के मन्दिर मे सदा .., स्नेह भाव का, आलौकिक गुण है जिनके.., हृदय विशाल है चरित्र उदार.., रोम-रोम पुलकित कर दे.., ऐसी है जिनकी सुंदरतम् मुस्कान.., वाणी मे है जिनके, माँ शारदा का आशीष हमेशा.., सूर्य चंद्र सी दमकती है, आभा जिनकी.., सद्चरित्र,उत्तम,उत्कृष्ट.., अद्वितीय सद्भावना, सद्भाव है जिनका.., मन,कर्म,वचन से नित्-नित्.., चहुँओर प्रेम प्रकाशित करना, आचरण है जिनका.., मन के मन्दिर मे सदा .., स्नेह भाव का, आलौकिक गुण है जिनके.., हृदय विशाल है चरित्र उदार.., रोम-रोम पुलकित कर दे.., ऐसी है जिनकी सुंदरतम् मुस्कान.., वाणी मे है जिनके, माँ शारदा का आशीष हमेशा..,