शीर्षक:-पिता बेटी को अनमोल अनुपम अतुलनीय उपहार देते हैं पिता पूंजी पूरी जीवन की बिटिया के प्यार में वार देते हैं पिता, पालन पोषण परिवार जनों का संघर्ष कर करते हैं पिता अपरिमित अनुराग संतानों को जीवन भर करते हैं पिता, नैतिकता नीति जीवन के आधार यही पढ़ाते हैं पिता अनुशासन अभिन्न अंग जीवन का सही सिखाते हैं पिता, विकट विषम परिस्थितियों से जीवन भर बचाते हैं पिता नवजीवन नवदृष्टि से अंधेरे में दिपक सा दिखाते हैं पिता, मान मर्यादा प्रतिष्ठा संस्कार धरोहर यही बताते हैं पिता शक्ति शालिनता को संजो संतान हिय में बसाते हैं पिता, प्रगति पथ पर मार्गदर्शन कर उन्नति शिखर पर पहुंचाते हैं पिता ज्ञान ज्योत संतानों में जलाकर जीवन ज्योतिर्मय कर जाते हैं पिता। कोरा काग़ज़ महाप्रतियोगिता तीसरा चरण:- अनुप्रास अलंकार कविता शीर्षक:- पिता #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_3 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ Pic credit:- google images