1222 1222 1222 1222 बताया दर्द अपना आज घर की इन दिवारों ने पशेमाँ कर दिया सबको पड़ी घर की दरारों ने मुझे मेरे ही अपनों ने, न जाने क्यों सताया है मिरी कशती हमेशा ही डुबाई है किनारों ने धुएँ में शह्र ये मेरा हुआ है आज जाने क्यों हिक़ायत शह्र की सबको बताई है मीनारों ने ये झरने वादियाँ और ये नदी तेरी दिवानी हैं तिरे बारे में तो मुझको बताया है नज़ारों ने "सफ़र" आने से तेरे हो गई जैसे दिवाली आज ख़ुशी से कर दिया है अब्र सारा ज़ौ शरारों ने पशेमाँ- शर्मिंदा हिक़ायत- कहानी अब्र- स्काई ज़ौ- प्रकाश शरारा- sparkle #gazal #yqbaba #yqdidi #सफ़र_ए_प्रेरित