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जैसे ज़िन्दगी कैद थी किसी अँधेरे कैद खाने में पर आज

जैसे ज़िन्दगी कैद थी किसी अँधेरे कैद खाने में
पर आज आज उसे सूरज की एक किरन मिल गयी हो 
मानो खुश्क थी मुद्दत से ये रूह मेरी 
पर आज आज जैसे कोई सैलाब सा भीगा गया हो
मनो बरसो से ये आँखे बेकार थी कुछ देखने को
पर आज तुमको देखा तो इनको करार आ गया गया
मनो एक आतिश से तप रहा था बदन मेरा
पर आज आज उसको कोई ठंडी हवा का अहसाह दिला गया हो
मनो बेरंग और बेअदब थी सी दुनिया आज से पहले
पर आज आज कोई रंगीन मोजिज़ा दिखा गया हो 
मनो आज से पहले ख़ूबसूरती फूल और किताबो में ही होती थी 
पर आज आज तेरे हुस्न की ग़ज़ल से फूल भी तेरी पनाह में आ गया हो
तुमको देखा तो ये ख्याल आया
अब कहा छोड़ेगी तितलियाँ तुम्हे
खुदा ने तम्हे फूल से ख़ूबसूरत और शहद से मीठा जो बनाया #NojotoHindi #Poetry #Quotes #Kalakaksh #thought #Shayari #Pram #TST #Nojoto
जैसे ज़िन्दगी कैद थी किसी अँधेरे कैद खाने में
पर आज आज उसे सूरज की एक किरन मिल गयी हो 
मानो खुश्क थी मुद्दत से ये रूह मेरी 
पर आज आज जैसे कोई सैलाब सा भीगा गया हो
मनो बरसो से ये आँखे बेकार थी कुछ देखने को
पर आज तुमको देखा तो इनको करार आ गया गया
मनो एक आतिश से तप रहा था बदन मेरा
पर आज आज उसको कोई ठंडी हवा का अहसाह दिला गया हो
मनो बेरंग और बेअदब थी सी दुनिया आज से पहले
पर आज आज कोई रंगीन मोजिज़ा दिखा गया हो 
मनो आज से पहले ख़ूबसूरती फूल और किताबो में ही होती थी 
पर आज आज तेरे हुस्न की ग़ज़ल से फूल भी तेरी पनाह में आ गया हो
तुमको देखा तो ये ख्याल आया
अब कहा छोड़ेगी तितलियाँ तुम्हे
खुदा ने तम्हे फूल से ख़ूबसूरत और शहद से मीठा जो बनाया #NojotoHindi #Poetry #Quotes #Kalakaksh #thought #Shayari #Pram #TST #Nojoto