खुशियों से गुजर रही थी जिंदगी मेरी अचानक गम की काली रात दिखा गई मजबूरियों का सहारा लिया उसने मुझे बुरे हालत दिखा गई मुझे प्रदीप नही,गुमनाम चाहिए जाते जाते रचे मेहंदी के हाथ दिखा गई ©Pardeep Charan Haryanavi मुझे गुमनाम चाहिए