प्रतिध्वनि के स्वर ने रचनाओं की प्रभावशीलता बेजोड़ कर दी। मैं आदर्णीय उषा शर्मा जी और श्री के.के तिवारी जी सहित सम्पूर्ण टीम का आभारी रहूँगा। https://youtu.be/VTFxVs6hnRw 💐💐💐 01. जय श्री राम --------------------- वासना में लिप्त थी एक गंधर्व सी जो कामना। मदयुक्त होकर हर रहा था प्रेम की आराधना।। ज्ञान और संस्कार का जो था बड़ा विद्वान वह।