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गर हो इंशा की आंख में पानी तो जिंदगी। मिलती रहे खा

गर हो इंशा की आंख में पानी तो जिंदगी।
मिलती रहे खाद मोहब्बत की तो जिंदगी।
यूं तो रेंगते हैं ता उम्र कीट पतंगे भी ,
देख मुझे मुस्कुरा उठे जब कोई तो जिंदगी।
नफरतों की भर के थैली कब कौन जी सका है,
होती जहां मोहब्बतों हवा वहीं तो जिंदगी।
जहरीली हो चुकी हैं फिजाएं आजकल बहुत,
सरजमीं ए हिन्द को दो हरियाली तो जिंदगी।
सूखे पोखर सूखी नदियों से कब तक जिंदा रहोगे,
रत्नगर्भा की रंगों में बचेगा पानी तो जिंदगी। #tree #earth #air #water
गर हो इंशा की आंख में पानी तो जिंदगी।
मिलती रहे खाद मोहब्बत की तो जिंदगी।
यूं तो रेंगते हैं ता उम्र कीट पतंगे भी ,
देख मुझे मुस्कुरा उठे जब कोई तो जिंदगी।
नफरतों की भर के थैली कब कौन जी सका है,
होती जहां मोहब्बतों हवा वहीं तो जिंदगी।
जहरीली हो चुकी हैं फिजाएं आजकल बहुत,
सरजमीं ए हिन्द को दो हरियाली तो जिंदगी।
सूखे पोखर सूखी नदियों से कब तक जिंदा रहोगे,
रत्नगर्भा की रंगों में बचेगा पानी तो जिंदगी। #tree #earth #air #water