Nojoto: Largest Storytelling Platform

नूर आज कुछ बेनूर सा है माथे पे उसके शिकन का साया स

नूर आज कुछ बेनूर सा है
माथे पे उसके शिकन का साया सा है
एक रौनक सी रहती थी उसके चेहरे पर
आज वो चेहरा मायूस सा है। 

         टूटे शब्दों का मायाजाल लगता है
          उसके आसापास सब फैला सा लगता है
          समेटने की कोशिश जो कि किसी ने
           उसके दलदल में डूबता सा लगता है।

©Priya Singh
  #Women #Feel #life #ishaq #lifeexperience #thought #lifeexpectations