a-person-standing-on-a-beach-at-sunset पल्लव की डायरी सबक जिंदगी के इतने है शायद परखते परखते उम्र ढ़ल जाये आँखों ने बस ख्वाब सजा लिये मंजिल तक दम ही निकल जाये अंधी भागदौड़ है अनचाहे मंजिल की सिर्फ स्टेटस पाने दौड़ लगाते है गुमराह दुनिया करती गोल गोल हम बस फसकर उसमे निधिया जीवन की गवाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #SunSet सबक जिंदगी के इतने है जीवन मे