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जी लेंगे हसीन लम्हों की आड़ में, निर्मल सी तेरी हस

जी लेंगे हसीन लम्हों की आड़ में,
निर्मल सी तेरी हसीं की चाह में,
आग उधर भी सुलगी हो अगर,
मिलना न टलेगा इस हँसी सफर में।। ।। खयालों की बस्ती ।।

दिल में मेरे, तेरे खयालों की बस्ती बसी रही,
ये इश्क़ की आग भी मुसलसल जलती रही।
मुराद-ए-शिकवा कोई नहीं गुफ़्तुगू के सिवा,
ऐ, सनम फ़िर मिलेंगे हम, अगर ज़िन्दगी रही।।

© Sasmita Nayak
जी लेंगे हसीन लम्हों की आड़ में,
निर्मल सी तेरी हसीं की चाह में,
आग उधर भी सुलगी हो अगर,
मिलना न टलेगा इस हँसी सफर में।। ।। खयालों की बस्ती ।।

दिल में मेरे, तेरे खयालों की बस्ती बसी रही,
ये इश्क़ की आग भी मुसलसल जलती रही।
मुराद-ए-शिकवा कोई नहीं गुफ़्तुगू के सिवा,
ऐ, सनम फ़िर मिलेंगे हम, अगर ज़िन्दगी रही।।

© Sasmita Nayak
sitalakshmi6065

Sita Prasad

Bronze Star
Growing Creator

।। खयालों की बस्ती ।। दिल में मेरे, तेरे खयालों की बस्ती बसी रही, ये इश्क़ की आग भी मुसलसल जलती रही। मुराद-ए-शिकवा कोई नहीं गुफ़्तुगू के सिवा, ऐ, सनम फ़िर मिलेंगे हम, अगर ज़िन्दगी रही।। © Sasmita Nayak #yqdidi #YourQuoteAndMine #bestyqhindiquotes #restzone #rzhindi #rzलेखकसमूह #mitalovequotes #rztask183