शब्दों की माला में परिवर्तित करके भिन्न- भिन्न भावनाओं के अनुभवों के पंखों को कोरे-कोरे से काग़ज़ के आसमां पर उड़ान भराने का प्रयास करना, शब्दावली के जरिए ख़ुद को जीवन में अपने आत्मविश्वासी निडरता व नाकामी से सबक लेकर नये सिरे से असंतुलित जीवन को अपने संतुलित बनाए रखने का प्रयास करना, काग़ज़ है आधार जीवन का इसके बिन है सब कुछ निराधार, ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1090 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ HAPPY BIRTHDAY KK 😊💐💐 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।