.........................( # मुक्ति ......🌹..)...................... ~~••~~••~~••~~••~~••~~••~~••~~••~~••~• मेरे मन में बिन पूछे तेरे चले आना अब और नहीं ..........🌹 बातों - बातों में तेरा ज़िक्र कर जाना अब और नहीं............ 🌹 मेरी पलकों पर तेरा पल भर ठहर जाना अब और नहीं ..............🌹 मेरे धड़कनों से तेरा यूं ही गुजर जाना अब और नहीं ...........🌹 तेरा हर ख़्याल अब किसी दीन याचक - सा खटकता है.................... 🌹 मेरे दिल का द्वार सर्दी की रात 🌃 में किसी थके मुसाफ़िर - सा दहकता है..................... 🌹 ढूंढ़ता कोई छत, मागता थोड़ी आग 🔥 उसे शरण देना है या नहीं यह तुझे तय करना समझता हूँ........... 🌹 मेरा उलझन है.... तो बस इतनी हैं की प्रेम कम हो गया है..... मुझसे या मुक्त होना चाहती हो तुम... ये मतभेदों का कारण मैं खुद समझता हूँ............ 🌹 .......मुक्ती....... 🌹🌹